shweta soni

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मेरा नजरिया...

नमस्ते दोस्तों ...

           
मेरा नाम बांके बिहारी ( पान बहार ) हैं । अब आप कहेंगे बांके बिहारी तो ठीक है ये पान बहार क्यों भई ? ये तो हमें भी ना मालूम भैया ! हम तो बस पान बहार खाने के शौकीन हैं पता नहीं किस गिरगिट ने हमारा नाम पान बहार रख दिया । वैसे हम बहुत शांति प्रिय आदमी हूं । आप हमारे बारे में पूछे उससे पहले हम ही आपको बता देते हैं । क्या है ना हम कुछ भी छुपाने में विश्वास नहीं रखते । खासकर के कोई ऐसी बात जो हमसे जुड़ी हुई हो । अब क्या बताये एक बार कोशिश की थी अपनी जीवनसंगिनी , प्राणों की प्यासी ...मेरा मतलब प्राण प्यारी , मेरी प्यारी पत्नी की एक बात छुपाने की कोशिश की लेकिन छुपा ना पाये । बस दो घंटे में ही हमारा पेट फुलने लगा और हमें बुलंदी फिल्म के एक किरदार की याद आ गई । मां कसम हम तो चकरा गए । हमें लगा ज्यादा देर करेंगे और हमारा ये पेट कभी भी बम की तरह फट जायेगा । हम घर के बाहर आये इधर - उधर देखा पर हमारी किस्मत खराब एक गधे को छोड़कर वहां कोई नहीं था । हम भी गधे को इंसान मानकर अपनी पत्नी की चुगली कर बैठे । ये तो पता नहीं कि गधे को हमारी बात कहां तक समझ आई लेकिन अचानक  हमारी दाईं आंख फड़कने लगी ।  हमें क्या पता था कि , हम जो भी कह रहे हैं वो हमारी प्राण प्यारी कान लगा कर सुन रही हैं उस दिन उन्होंने जो गत बिगाड़ी मेरी कि , वो दिन है और आज का दिन हमने कभी कोशिश ही नहीं कि सच छुपाने की , हां तो हम कहां थे । हम बांके बिहारी (पान बहार ) हमारा ये नाम कब पड़ा हमें तो खबर ही नहीं हुई   । लेकिन जिन लोगों ने हमारा नामकरण किया होगा ।

लगता है बड़े उच्च कोटि के लोग होंगे । उच्च कोटि मतलब निहायती निकम्मे किस्म के , निकम्मे इसलिए क्योंकि जिनके पास कुछ काम होता है वो फिजूल में किसी का नामकरण करते नहीं फिरते ।  तो हम बात कर रहे थे हमारे ही बारे में 😁😁  यूं तो हम रहते हैं आदर्श नामक मौहल्ले में , जी हां , हमारे मौहल्ले का नाम आदर्श मौहल्ला है , लेकिन इस मौहल्ले की खासियत यह है कि , यहां आपको आदर्श दूर - दूर तक भी दिखाई नहीं देगा और जिसने भी ये नामकरण किया है उसकी खोज अभी जारी है ।‌ क्योंकि यहां इतने बेरोजगार हैं कि , कभी - कभी हमें भी अपने ऊपर शंका हो जाती है कि कहीं हम भी बेरोजगार तो नहीं । मैंने ऐसा क्यूं कहा उसका एक किस्सा आपके साथ बांटना चाहूंगा । हुआ यूं कि हम रात का खाना , खाने के बाद पान खाने के लिए अपने घर से बाहर कदम ही रखा था कि , किसी लड़के की चिल्लाने की आवाज़ आई ...अरे..रे..रे.. पकड़ सा##को ऐ## की तै ## सी .. वो तो और भी बड़े - बड़े शब्दों का प्रयोग करने लगा । हमने लगा शायद शराब पीकर किसी से लड़ाई - झगड़ा कर रहा होगा । हम भी जल्दी - जल्दी अपने कदम बढ़ाने लगे कि चलो कुछ मनोरंजन हो जायेगा या अपने को भी हाथ सेंकने को मिल जायेगा । लेकिन जब हम उस उस आवाज़ की दिशा में बढ़े हमें सारे सपने टूट गए । पास जाकर देखा कि चार - पांच लड़के गोल घेरा बनाकर बैठे हैं और साथ में मोबाइल रख लिये है ।  हमने पास जाकर एक लड़के से पूछा ! क्यों भई इतनी रात को यहां बैठकर तुम सब मोबाइल को गाली क्यों दे रहे हो ।


उनमें से एक ने हमारी तरफ बिना देखे ही कहने लगा । तेरी साले ... उसे बांये ओर से घेरने को बोला था ना ।‌ हम मुंह फाड़कर उसे देखे जा रहे थे ‌कि कभी बोला उसने कि बांये ओर से घेर के रखने के लिए ! तभी उस घेरे में से एक लड़के ने कहा ! अरे चाचा तुम भी यहां खड़े होकर हमें डिस्टर्ब ना करो । तुम जाओ ना अपने घर की राह लो । हम सब यहां लड़ाई के मैदान में हैं ‌। हमें डिस्टर्ब ना करो । बाद में हमें पता चला कि ये निकम्मे तो पबजी खेल रहे थे । पता नहीं क्या है उस खेल में जितने लोगों ने भी खेला है । कसम से वर्तमान स्थिति को भूल कर ऐसे खेलते हैं कि खाने को भी  भूल जाते हैं और एक हम हैं कि सब भूल जाये । मगर अपना खाना नहीं भूलते । अरे भई सामान्य इंसानों की एक खासियत होती है । वो दो चीज कभी नहीं भूलता एक खाना और दूसरा सोना । हम सामान्य लोगों की श्रेणी में आते हैं । दूसरे जो खास इंसान होते हैं वो पबजी खेलते - खेलते खास हो जाते हैं । फिर उन्हें ना खाना याद रहता है ना नहाना याद रहता है ना ही सोना । इंसानों के किस्म की बात निकली है , तो मैं इंसानों के प्रकार बता दूं । इंसान अलग-अलग प्रकार के पाए जाते हैं । पहला - मतलबी इंसान । ये आपको अक्सर मिल जायेंगे । किसी से अपना काम निकलवाना हो । ये मिल जायेंगे । अपना काम कराते तक आपको परेशान कर देंगे और जैसे ही उनका काम हुआ । अपना चेहरा भी ना दिखायेंगे । दूसरे - दो शख्शियत वाले इंसान । ये बहुत ख़तरनाक किस्म के होते हैं । आपके सामने तो मीठी-मीठी बातें करेंगे और पीठ पीछे उससे ज्यादा जहर उगलेंगे । ये भी आजकल बहुतायत में मिलने लगे हैं । इनका काटा तो पानी भी नहीं मांगता । 

बाकि और किसी दिन बताऊंगा । आज बस इतना ही ....। कभी फुर्सत में और मिलने आयेंगे आपसे । आपका बांके बिहारी ( पान बहार ) ।


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13 Comments

kashish

12-Feb-2023 11:12 AM

nice

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madhura

01-Feb-2023 02:26 PM

comedy se bharpur kahani very nice mam

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बस मुझे यह जानना है उनकी पत्नी को कैसे पता लगा 😂 जब उनकी चुगली की जा रही थी। उनकी पत्नी गधे के पीछे छुपी थी क्या 🤔 वैसे हम यह राज पहले ही समझ गए थे 🤣 जब उस एक लडके ने घेरने वाली बात कही थी। हम तभी समझ गए थे कि यही चक़्कर है। पर इतना है मस्त कॉमिक लिखी आपने।👌👌इतने टैलेंटेड तो नहीं है हम कि हम लिख सके यह.... पर पढ़ने का भी अलग ही आनंद है। मजा आया बड़ा। बहुत हँसी आ रही थी।😂😂

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Neeraj Agarwal

11-Dec-2022 08:02 PM

🤗🙂

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